“Raj Babbar: A Journey of Talent, Versatility, and Leadership in Cinema and Politics”
Raj Babbar
Raj Babbar एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता और राजनेता हैं, जिन्होंने हिंदी और पंजाबी फिल्मों में अपनी अदाकारी से खास पहचान बनाई है। उन्होंने ‘इंसाफ का तराजू’ (1980) में एक बलात्कारी की भूमिका निभाकर खासी चर्चा बटोरी। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाईं, जैसे ‘साज़िश’ (1988), ‘आंखें’ (1993), ‘दलाल’ (1993), ‘द गैम्बलर’ (1995), ‘अंदाज़’ (1994), ‘याराना’ (1995), ‘बरसात’ (1995), ‘जिद्दी’ (1997), ‘गुंडागर्दी’ (1997), ‘दाग द फायर’ (1999), और ‘इंडियन’ (2001)।
Raj Babbar का जन्म 23 जून 1952 को उत्तर प्रदेश के टुंडला में हुआ। वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र हैं। हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने पंजाबी सिनेमा में भी अपनी अदाकारी से विशेष पहचान बनाई। उनकी कुछ सफल पंजाबी फिल्में हैं: ‘आसरा प्यार दा’ (1983), ‘माहौल ठीक है’ (1999), ‘शहीद उधम सिंह’ (2000), ‘यारां नाल बहारां’ (2005), ‘एक जिंद एक जान’ (2006), ‘अपणी बोली अपना देश’ (2009), और ‘तेरा मेरा की रिश्ता’ (2009)।
Raj Babbar ने राजनीति में कदम जनता दल के माध्यम से रखा। इसके बाद वे समाजवादी पार्टी में शामिल हुए और तीन बार भारत के संसद सदस्य चुने गए। 2006 में उन्हें समाजवादी पार्टी से निलंबित कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने 2008 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का दामन थामा।
Raj Babbar का निजी जीवन भी चर्चा में रहा है। उनकी पहली शादी नादिरा जहीर से हुई, जो प्रसिद्ध थिएटर कलाकार सज्जाद जहीर की बेटी हैं। इस शादी से उनके दो बच्चे हैं: आर्य बब्बर और जूही बब्बर। बाद में उन्होंने दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल से शादी की, जिनसे उनका एक बेटा है, प्रतीक बब्बर।
Raj Babbar का करियर संघर्ष, समर्पण और प्रतिभा का प्रतीक है। उन्होंने सिनेमा और राजनीति दोनों क्षेत्रों में अपनी एक अलग पहचान बनाई है और आज भी उनकी उपस्थिति सराही जाती है।