“Alok Nath: A Journey of Acclaimed Roles and Controversies”
आलोक नाथ एक प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता हैं, जो बॉलीवुड फिल्मों और हिंदी धारावाहिकों में ज्यादातर पिता या दादा जैसे किरदार निभाने के लिए जाने जाते हैं।
आलोक नाथ का जन्म 10 जुलाई 1956 को खगड़िया, बिहार में हुआ था। उन्होंने 1982 में ऑस्कर विजेता फिल्म ‘गांधी’ से अपना फिल्मी डेब्यू किया, जिसे रिचर्ड एटनबरो ने निर्देशित किया था।
1986 में, उन्होंने दूरदर्शन के बेहद प्रशंसित धारावाहिक ‘बुनियाद’ में अभिनय किया। यह धारावाहिक 1947 के भारत के विभाजन और उसके बाद के प्रभावों पर आधारित था। उनके किरदार को दर्शकों ने खूब सराहा।
आलोक नाथ ने ‘सपना बाबुल का…बिदाई’, ‘यहां मैं घर-घर खेली’ और ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ जैसे लोकप्रिय हिंदी धारावाहिकों में भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।
दिसंबर 2013 से, आलोक नाथ इंटरनेट पर मजाक और मीम्स का केंद्र बन गए। उनके सकारात्मक, नैतिक और आदर्शवादी पिता या दादा जैसे किरदारों के कारण उन्हें ‘आदर्शवादी बाबूजी’ के रूप में पहचान मिली। इन मीम्स में अक्सर ‘आदर्शवादी’ शब्द का उपयोग किया जाता है, जिसका अर्थ है उच्च नैतिकता वाला व्यक्ति।
हालांकि, अक्टूबर 2018 में, जब भारत में मी टू मूवमेंट की लहर चली, तो टीवी प्रोड्यूसर विंता नंदा ने उन पर 1990 के दशक में टीवी शो ‘तारा’ के दौरान उनके साथ बलात्कार का आरोप लगाया। इसके बाद कई महिला सह-कलाकारों और सहकर्मियों ने भी उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए।

आलोक नाथ का करियर जहां एक तरफ अपने अभिनय और आदर्शवादी भूमिकाओं के लिए जाना जाता है, वहीं उनके जीवन के विवादित पहलुओं ने भी उन्हें सुर्खियों में रखा।